मेरा जन्म गुजरात के एक छोटे से गांव में हुवा। पापा👨⚕️डॉक्टर है और मां हाउसवाइफ है। पापा का 🏥 क्लीनिक वहा गांव में ही था तो मेरी पढ़ाई भी वहा गांव से ही चालू हुई। पहली कक्षा से पांचवी तक में वही पढ़ा।
उसके बाद मुझे सूरत हॉस्टल में भेज दिया। छ्ठ्ठी से दसवीं तक वहा 📗 पढ़ाई पूरी की। जब दसवीं का रिजल्ट आया तो उसमे पास हूवा। अभी कन्फ्यूज था कॉमर्स करु, साइंस करु या इंजीनियर लाइन में जाव। बहुत सोचने के बाद मै इंजीनियर लाइन में चला गया। तो मैने 10th के बाद डिप्लोमा में एडमिशन ले लिया।
👨🎓डिप्लोमा मेरा 3 साल का था और 3 साल में 6 सेमिस्टर आते थे। तो मैने 1 साल डिप्लोमा का पूरा किया अब में दूसरे साल में यानी 3rd सेमिस्टर में आ गया था। और फर्स्ट यर्स के एडमिशन चालू हो गए थे। और मुझे फर्स्ट इयर्स की लड़की से 💕प्यार हो गया। और मुझे पता चला कि वो अलग धर्म की हे और में हिंदू था।
मुझे पता नहीं था की वो अलग धर्म की हे। फिर भी में उसे ❤️चाहता था। उसके क्लास में और भी मेरे जूनियर फ्रेंड्स थे तो उनको मिलने में जाया करता था उसी बहाने वो लड़की को भी देख लेता था😇। और उसके क्लास के सामने हमारी लैब थी तो हफ्ते में 1-2 बार वहा जाते थे तो लैब के सामने ही उसका क्लास था तो वहा से उसको देखता था।
लेकिन मेरी कभी हिमंत नही हुई की में उससे बात करु। और कभी रास्ते में या क्लास की लॉबी में चलते दिख जाती थी। लेकिन वो कभी भी सर उठाके सामने ही नहीं देखती। नीचे देख देख के ही चलती। सोचूं अभी सामने 👁️👁️ देखेगी अभी देखेगी लेकिन देखती ही नहीं थी। और में भी सामने से बात करने से डरता था।
ये बात मैने अपने किसी भी फ्रेंड्स से ❌नहीं बताई थी की में किसी को लव करता हु। मुझे तो पता भी नही था की उसने मुझे कभी 👀देखा भी था या नहीं। ऐसे ही देखते देखते मेरे डिप्लोमा के 3 साल पूरे हो गए। और में पासआउट हो के निकल गया।
और मुझे पढ़ाई में उतना इंट्रेस्ट नही था तो मेरा आगे की पढ़ाई का कोई प्लान नहीं था। मुझे जॉब करनी थी। तो दो साल मे मैने जॉब की ओर 💻ऑटोकैड के क्लास किए। उसके बाद हम गांव से 🏙️सिटी में आ गए थे। फिर मैने सोचा आगे की पढ़ाई पूरी करता हु तो सैलेरी मेरी बढ़ जाएगी।
तो मैने B.E मे एडमिशन लिया और 🎓कॉलेज स्टार्ट कर लिया। एक दिन ऐसे ही कॉलेज कैंपस में फ्रेंड्स के साथ बैठा था तो उस दिन में वही डिप्लोमा वाली 👸लड़की को देखा मेरी कॉलेज मे। और उसके बाद आप लोग समझ सकते हो मेरी हालत के बारे मे। में तो बहुत ☺️खुस था की भगवान ने वापिस मिला दिया वोही लड़की से।
लेकिन फिर वही की में डरता था उससे बात करने से। 🤷पता नही सिर्फ उसी के साथ बात करने से डरता था। उसकी भी वही आदत थी की वो ऊपर देखके चलती ही नही थी। यहां पर भी वैसा ही उसको देखने की लिए में कभी गेट पर तो कभी केंटीन पर खड़ा रहता था। ऐक दिन तो अपने क्लास से उसका 🚶♀️🚶♂️पीछा करते करते केंटीन तक गया था लेकिन फिर भी कुछ बोल नहीं पाया। ऐसा ही चलता गया और आ गया कोरोना।
लोकडाउन होने से कॉलेज ऑनलाइन चालू हो गई। अब जैसे तैसे करके मैने इंस्टाग्राम पर उसको ढूंढ लिया। मैने उससे बात चालू की ओर कैसे जनता हु उसको वो सब बताया। और अपने मन की बाते बताने लगा। लेकिन हमारे दोनो के धर्म अलग होने के कारण बात आगे बढ़ना मुस्किल था। Next part coming soon.....
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